मेरी खामोशी तुम्हारी हर चाल पढ़ रही है बेवफाई नजरअंदाज कर रही है दिल तोड़ कर जितना चाहे मुस्कुरा लो मेरी वफा तुम्हारी करतूतों का हिसाब कर रही है
Hindi shayari | shayari Sangrah | acchi shayari | Hindi mein likha hua shayari | shayari Manoj Kumar