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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दर्द शायरी

मेरी खामोशी तुम्हारी हर चाल पढ़ रही है बेवफाई नजरअंदाज कर रही है दिल तोड़ कर जितना चाहे मुस्कुरा लो मेरी वफा तुम्हारी करतूतों का हिसाब कर रही है